Publish Date: | Thu, 26 May 2022 12:14 AM (IST)
रीवा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। रीवा जिले में करंट की चपेट में आने से एक बंदर की दर्दनाक मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने गाजे-बाजे के साथ रामनामी चादर लपेटकर शवयात्रा निकली और फिर उसका अंतिम संस्कार किया।
रीवा जिले के तराई क्षेत्र त्योंथर तहसील चाकघाट के वार्ड क्रमांक 12 में सोमवार को विद्युत पोल के करंट की चपेट में आने से एक बंदर की मौत हो गई। व्यापारी महेंद्र केसरवानी ने बताया कि इसकी जानकारी नगर पालिका को दी गई लेकिन नगर पालिका ने यह कहकर बंदर का अंतिम करने से मना कर दिया कि यह वन विभाग का मामला है। इसके बाद वन विभाग से संपर्क किया लेकिन किसी ने रुचि नहीं दिखाई। इसके बाद महेंद्र के साथ पप्पू केसरवानी, मनु केसरवानी, अंशु केसरवानी और बड़कू आदिवासी ने बंदर का अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया। उनका मानना है कि बंदर हनुमान जी के रूप हैं। ये भगवान राम की सेना हैं। हर किसी को वन्य जीवों का सम्मान करना चाहिए। स्थानीय लोगों ने मृत बंदर को स्नान कराया, रामनामी चादर ओढ़ाकर फूलमाला पहनाई। इसके बाद बाजे-गाजे के साथ शवयात्रा निकाली और श्रद्घांजलि देकर अंतिम संस्कार किया।
डाक्टर की तलाश में अस्पताल में भटकता रहा घायल का पुत्र
पन्ना (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जिला चिकित्सालय पन्ना के कुछ डाक्टर की मनमानी और लापरवाही इतनी ज्यादा हो चुकी है कि ड्यूटी के समय मैं भी अस्पताल से गायब रहते हैं। इसका जीता जागता उदाहरण बुधवार को उस वक्त देखने को मिला जब 12.15 बजे मीडिया की टीम जिला चिकित्सालय पहुंची तो फर्श में एक मजदूर दर्द से कराह रहा था, और घायल का पुत्र डाक्टर की तलाश में अस्पताल में भटक रहा था कई अन्य मरीज और घायल भी डाक्टर के इंतजार में टकटकी लगाए बैठे थे।
घायल से पूछने पर पता चला कि वह रानीगंज का निवासी है जिसके साथ लाठी डंडों से मारपीट हुई है। घायल का पुत्र उसे सुबह 10.30 बजे जिला अस्पताल लेकर पहुंचा जहां कोई चिकित्सक मौजूद नहीं था। पीड़ित घायल फर्श में पड़ा कराहता रहा पर कोई सुनने वाला नहीं था। लगभग 12.30 बजे जब कुछ चिकित्सक पहुंचे तो घायल को भर्ती किया गया। जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों द्वारा इस प्रकार के मामले आए दिन के बताए जा रहे हैं, जो गंभीर बीमार और घायलों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं।
Posted By: Nai Dunia News Network