Publish Date: | Tue, 24 May 2022 08:41 PM (IST)
रीवा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। स्थानीय निर्वाचन के सिलसिले में ईवीएम का एफएलसी (फस्ट लेबल चेकिंग) कार्य स्थानीय पॉलिटेक्निक कालेज में किया जा रहा है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी मनोज पुष्प ने एफएलसी कार्य का निरीक्षण किया।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने एफएलसी कार्य के दौरान मशीनों की चेकिंग के संबंध में इंजीनियर्स से जानकारी ली। इस दौरान बताया गया कि मशीनें सही स्थिति में है तथा बहुत कम मशीनें क्रियाशील नहीं है। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि अक्रियाशील मशीनों को अलग से रखवाने की व्यवस्था करायें। कलेक्टर ने चेक की गई मशीनों को व्यवस्थित ढंग से ट्रंक में रखवाने के निर्देश दिये तथा कहा कि एफएलसी कार्य शीघ्र पूर्ण करायें। उन्होंने उप जिला निर्वाचन अधिकारी से एफएलसी कार्य सहित स्थानीय निर्वाचन के सिलसिले में सामग्री वितरण एवं वापसी सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं की समस्त कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये। इस दौरान नोडल अधिकारी पंकजराव गोरखेड़े ने एफएलसी कार्य की प्रगति से जिला निर्वाचन अधिकारी को अवगत कराया। निरीक्षण के दौरान आयुक्त नगर निगम मृणाल मीणा, अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह उप जिला निर्वाचन अधिकारी एके झा उपस्थित रहे।
फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा
चिकित्सालय सभागार में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा की गई। डब्लूएचओ जोनल क्वार्डिनेटर डॉ. मंजीत सिंह चौधरी एवं जिला मलेरिया अधिकारी रीवा श्रीमती स्मिता नामदेव की उपस्थिति में ब्लाक से आये हुए प्रभारी मलेरिया निरीक्षक को विस्तार से जानकारी दी गई।
बैठक में जानकारी दी गई कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अन्तर्गत जिले में फाइलेरिया की स्थिति के आंकलन हेतु टास सर्वे किया गया जिसमें शासन द्वारा चिन्हित स्कूलों के कक्षा एक एवं 2 के 6 से 7 वर्ष आयु वर्ग के बधाों का किट के माध्यम से फाइलेरिया जांच की गई। जिले को दो यूनिटो में बॉटकर सर्वे कराया गया जिसमें फाइलेरिया के कुल 65 रोगी पाये गये। पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या निर्धारित क्रिटिकल कटऑफ से अधिक रोगी पाये जाने के कारण आने वाले माह में एमडीए (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेसन) कराया जायेगा। जिसमें जिले में सामूहिक दवा सेवन कार्य किया जाना है। एमडीए की पूर्व तैयारी तथा फाइलेरिया रोग के बारे में विस्तृत जानकारी पावर प्वांइट प्रजेन्टेसन के माध्यम से कर्मचारियों को दी गई। इसके साथ ही मलेरिया, डेंगू आदि बीमारियों की मासिक समीक्षा कर सतत निगरानी रखने व आने वाले मानसून सत्र के पूर्व लोगों को जागरूक कर बीमारियों के नियंत्रण के प्रयासों हेतु दिशा निर्देश दिये गये।